समीक्षा: डॉ मनोज भारत (कवि एवं समालोचक) द्वारा। पुस्तक: 'इश्क़ इबादत' (काव्य संग्रह )। रचनाकार: डॉ० प्रतिभा 'माही' पंचकूला। डॉ० प्रतिभा माही एक सार्थक और सक्रिय सृजनधर्मी हैं। विभिन्न साहित्यिक विधाओं में उनके कई संकलन प्रकाशित हो चुके हैं तथा कई संकलन प्रकाशनाधीन हैं। उनका पहला ग़ज़ल संग्रह ' इश्क़ मेरा सूफ़ियाना' साहित्य जगत की सुर्ख़ियों में रह चुका है। उनकी ग़ज़लों का जादू पाठकों के सर चढ़ कर बोला है। जब वे ' चंदामामा आओ ना' जैसा बाल साहित्य लिखती हैं, तो बच्चों की मनोदैहिक समस्त आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए बाल-मनोविज्ञान की समस्त धारणाओं की अनुपालना करती हैं। जब वे सूफ़ियाना रूहानियत में विचरण करते हुए 'इश्क़ मेरा सूफ़ियाना ' लिखती हैं तो उनका अंदाज़ एक गूढ़ दार्शनिक जैसा हो जाता है। डॉ० प्रतिभा 'माही' प्रकाशन के साथ-साथ मंचीय आयोजनों में भी सक्रिय सहभागिता करती रही हैं। वे एक सफल कवयित्री, ग़ज़लगो, स...