पुण्यश्लोक मातोश्रीअहिल्या बाईं होल्कर
पुण्यश्लोक मातोश्री अ हिल्या बाईं होल्कर व र्ष तीन सौ पूर्व सु न , उ तरी आ त्मा ए क। त न से तो थी साध्वी, मन से थी वो नेक ।। गीत सु नो सु नाऊँ किस्सा तुमको,ऐसी इक म र्दानी का। गाड़ दिया था झंडा जिसने, अपनी शौर्य कहा नी का। पुण्यश्लोक अहिल्या बाईं शिव की भक्त दिवानी का। गाड़ दिया था झंडा जिसने, अपनी शौर्य कहा नी का। करने को उद्धार देश का , धरती पर प्रकटी बच्ची। झूठ कपट सब दूर थे उससे , मन से थी बिल्कुल सच्ची ।। जीव जंतु या पशु पक्षी हों, सबसे लाड़ लड़ाती थी। बहना थी दो भाई की वो, उनसे होड़ ल गाती थी।। मात पि ता की गुड़िया रानी , बकरी गाय चराती थी। खेल-खेल में सखियों को वो, अपने हुनर दिखाती थी।। अपने सिर प र बांध के प गड...
Excellent bahut sundar
ReplyDeleteशुक्रिया💐💐💐
Deleteअति सुंदर 💐💐
ReplyDeleteशुक्रिया💐💐💐
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