भगवा है पहचान हमारी (70) हिन्दुत्व राष्ट्र
हिंद राष्ट्र पर लिखती हूं, उसके ही गीत सुनाती हूं। हिन्द है आधार जगत का, सबको यह बतलाती हूं मैं गीत हिन्द के गाती हूं....!2 ****** मेरा मान तिरंगा है.. मेरी शान तिरंगा है... भारत मां की पहचान तिरंगा है....! तिरंगा है है है..तिरंगा है.... तिरंगा है है है.. तिरंगा है... तिरंगा है.... तिरंगा है.... तिरंगा है.....तिरंगा है...! केसरिया बहता रग - रग में, शक्ति बन भिड़ जाता है। सफेद रंग है सच्चाई का, शांति पाठ पढ़ाता है।। हरा रंग है हरियाली का, खेतों की अंगड़ाई है। और चक्र जो चलता प्रतिफल, उसमें रहा दिखाई है।। लहर लहर लहराए घर-घर, गीत सुहाने गाता है। वीर शहीदों की कुर्बानी हर पल याद दिलाता है।। वो आन तिरंगा है.... सम्मान तिरंगा है.... भारत मां की पहचान तिरंगा है....! तिरंगा है है है..तिरंगा है.... तिरंगा है है है.. तिरंगा है... तिरंगा है.... तिरंगा है.... तिरंगा है.....तिरंगा है ******** वक्त बदलना चाहिए* करे राज हिंदुत्व हमारा, वक्त बदलना चाहिए। अगर लाल भारत माँ के हो, रक्त उबलना चाहिए।। विजय विश्व की शपत उठाओ, नाज़ करे धरती माता। चले विश्व पर सत्ता अपनी, तख्त पल...
बहुत ही खूबसूरत शायरी। बहुत बधाईःः
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