प्यार का खूबसूरत एहसास

प्यार-इश्क़-मुहब्बत.....
एक बहुत ही खूबसूरत एहसास है....!
मन का भाव है.....
जो दुनियां को दिखाया व बताया नहीं जा सकता...!
यह तो सिर्फ हृदय से महसूस कर....
एक दूसरे को....
महसूस करवाया जा सकता है...!


जिस तरह तुम...
धन-दौलत व अनमोल वस्तुओं को...
तिजोरियों में छुपाकर रखते हो...!
उसी तरह तुमको...
अपना प्यार भी...
दिल के तहखाने की तिजोरी में...
सँजोकर रखना चाहिए...!
प्यार की नुमाइश मत कर ....!
मेरे दोस्त....
किसी क नज़र न लग जाये.....!


अपने प्यार को...
दुनिया के रीति रिवाजों की...
जंजीरों में मत जकड़....
खुला आसमान दे....
पनपने दे अपने प्यार को....
ताकि वो एक विशाल महासागर ...
बन जाये.... 
और...
विलीन हो जाये तू अपने प्यार में....
इसी को समाधि कहते हैं....!


लगती है जब समाधि ...
तो शून्य हो जाते हैं ....
शून्य हो जाती है ये ज़िन्दगी....!
अर्थात....
शून्य ही हमारा अस्तित्व है....!
और शून्य ही है..
हमारा परमपिता परमात्मा.....!
आख़िर....
सब कुछ शून्य ही तो है....!

© डॉ० प्रतिभा माही

Comments

  1. बहुत सुंदर अभिव्यक्तिकरण बहुत सुंदर हस्ताक्षर

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