मत पूछो....कि मैं कौन हूँ..? 【64】

                            मैं एक औरत हूँ
मत पूछो....
कि मैं कौन हूँ..?
और क्या-क्या कर दिखलाती हूँ...!
मैं एक औरत हूँ .....
औरत की बात बताती हूँ...!


मैं...
माँ हूँ....!
माँ की गोद का...
एक सकून भरा एहसास हूँ...!
आँचल हूँ, ममता हूँ, दुलार हूँ....
माँ की अंखियों से बहती...
अमृत की रस धार हूँ..!
जो थपकी दे...
रूह को गुदगुदाती ...!
मैं वो दुआ हूँ...
जो नामुमकिन को मुमकिन बनाती हूँ...!
मत पूछो....
कि मैं कौन हूँ..?
और क्या-क्या कर दिखलाती हूँ...!
मैं एक औरत हूँ .....
औरत की बात बताती हूँ...!


मैं इतराती....
इठलाती कमसिन कली हूँ....!
अपने महबूब की....
महबूबा हूँ...!
जो नज़र से नज़र मिला...
चुरा लेती दिल...!
मुरली की धुन की तरह...
धड़कन के तारों को छेड़ती...
गुनगुनाती...
बेहिचक उतर जाती अन्तस में  ...!
मैं वो शमां हूँ.....
जो परवानों को लुभाती  हूँ...!
मत पूछो....
कि मैं कौन हूँ..?
और क्या-क्या कर दिखलाती हूँ...!
मैं एक औरत हूँ .....
औरत की बात बताती हूँ...!


मैं......
इक आइना हूँ....!
समाज का.....!
जो कुरीतियों को दमन कर...
बुराई को मिटा....
अच्छाई को सरताज बनाता है ....!
वो मूरत हूँ....
जो अज्ञान से ज्ञान...
अन्धकार से उजाले तक का...
सफ़र तय करवाती हूँ...!
मैं रब की वो सूरत हूँ...
जो ख़ुदी को समर्पित हो...
ख़ुदी में समा जाती हूँ
मत पूछो....
कि मैं कौन हूँ..?
और क्या-क्या कर दिखलाती हूँ...!
मैं एक औरत हूँ .....
औरत की बात बताती हूँ...!


मैं वो..
वीरों की वीरांगना हूँ ...!
लड़ी हूँ शस्त्रों की....
भारत माँ की परछाईं हूँ....
मुहब्बत हूँ....
माशुका हूँ...
तिरंगें में लिपटी दुल्हन हूँ
मातृभूमि का कवच बन......
सरहद पर खड़ी हो लेती हूँ बलाएँ...
मैं वो सदा हूँ ...
जो दुशमन के छक्के छुड़ा नचाती हूँ...
उनके वक्षःस्थल पर....!
मत पूछो....
कि मैं कौन हूँ..?
और क्या-क्या कर दिखलाती हूँ...!
मैं एक औरत हूँ .....
औरत की बात बताती हूँ...!

© डॉ०प्रतिभा 'माही'

Comments

  1. औरत के बारे में हर बात की अनुपम प्रस्तुति👌👌👌👌👌🌺🎊🎉🌹💐💝💝🙏🙏👏👏👏 बधाई आदरणीया बधाई जी 🙏🙏🤗🤗

    ReplyDelete
  2. Bahut khoob , Pratibha ji.. Amazing

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

भगवा है पहचान हमारी (70) हिन्दुत्व राष्ट्र

मेरा प्यार (90)

खट्टा-मीठा इश्क़...! [ COMING SOON MY NEW BOOK ] प्यार भरी नज़्में (मुक्त छंद काव्य)