अखिल भारतीय कवि सम्मेलन (26/05/2023) 69
दिल्लीी में एम०के० साहित्य अकादमी (रजि०) पंचकूला ने करवाया:
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन
डॉ० प्रतिभा माही ने अब अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग शहरों में कवि सम्मेलन करने का बीड़ा उठाया है। दिल्ली, गुरुग्राम, करनाल, नेलोखेड़ी, अम्बाला, पंचकूला, चंडीगढ़ में अनेकानेक कार्यक्रम करने के बाद पुन: दिल्ली की तरफ रुख किया और
एम०के० साहित्य अकादमी (रजि०) पंचकूला द्वारा अखिल भारतीय दयानंद सेवाश्रम के वैचारिक क्रांति शिविर में भव्य अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन 26 मई 2023 को शाम 4:30 बजे से 7:00 बजे तक आर्य समाज के किशोर शिविर दिल्ली में किया गया।जोकि श्री योगेन्द्र खट्टर के संयोजन में श्री राजेश चेतन के मार्गदर्शन में हुआ।
इस समारोह में आमंत्रित प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय कवि राजेश चेतन, श्री कलाम भारती, श्री रसिक गुप्ता, श्री राजेश अग्रवाल, श्री मोहित शौर्य व डॉ० प्रतिभा 'माही' ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। इस समारोह में क्लास 6 से 12वीं तक के समस्त भारत से लगभग 400 बच्चे उपस्थित रहे तथा कवि सम्मेलन का भरपूर आनंद लिया। सभी कलमकारों को उपहार से नवाजा गया। यह प्रोग्राम देश व देश की नई पीढ़ी को समर्पित है।
सभी कवियों ने वहां उपस्थित सभी श्रोता बच्चे व बड़ों को हंसाया तथा अपनी संस्कार व संस्कृति से ओतप्रोत प्रेरणादायक कविताओं से सभी आनंदित कर दिया। राजेश अग्रवाल ने मंच का कार्यभार संभाला। सभी कवियों की अलग अलग बानगी देखें...!
डॉ रसिक गुप्ता ने अपनी कविता में भारत भू के सम्मान की बात कही तथा कुछ चटपटे हास्य के रंग बिखेरे...!
"शब्द-शब्द मेरी कविता का, उनका ही सम्मान करें...!
और स्वयं जन-गण-मन जिनके, कर्मों का गुणगान करें...!
शीश झुकाऊं चरण पखारुँ, पहले हर उस माता के....!
अपने वीर सपूतों को जो ,सीमा पर बलिदान करें....!"
तो दूसरी तरफ डॉ० कलाम भारती ने देश भक्ति की बात कही...!
"शहीदाने हिन्द जैसे वफादार नहीं हैं।
मुल्क पे जॉ देदें वो किरदार नहीं हैं।
निज मादरे वतन से जिनको प्यार नहीं है,
उनसे बड़ा इस मुल्क में गद्दार नहीं हैं।।"
डॉ० प्रतिभा 'माही' ने सरस्वती वंदना से आगाज़ कर वैदिक धर्म पीआर प्रकाश डालते हुए कहा...!
"आर्य समाज वैदिक धर्म, समझो अद्भुत ज्ञान।
तर्क तुला पर तौलकर करे धर्म व्याख्यान।।"
और देशभक्ति पर आधारित कुछ कविताएं कही तथा मां के प्रति एक बेटे के भाव क्या होते हैं अपने एक गीत के माध्यम से बताया: बानगी देखें...
"जो रुलाती भी है, जो हंसाती भी है
प्यार की थपकियां दे सुलाती भी है
कौन है...?कौन है...?कौन है...?कौन है...?
वो तो मां है मेरी..!"
राजेश चेतन ने अपनी वाणी से मंच को गरिमामय बनाते हुए हंसगुल्लों के फव्वारे छोड़े, जिन्हें सुन सभी बच्चे लोटपोट हो गए। बीच-बीच में संस्कारों की बात भी बच्चों को बताई और अन्त में आर्य समाज वैदिक धर्म की बात कहते हुए अपनी रचना पढ़ी, बानगी देखें.....!
सच में भारत के रखवाले स्वामी जी...
वेदों को गुंजाने वाले स्वामी जी...!
नारी का सम्मान जगाया भारत में ....
मातृशक्ति के बने शिवाले स्वामी जी...!
समारोह के अंत में सभी कलमकारों को उपहार देकर नवाजा। समारोह सम्पूर्ण दृष्टि से सफल रहा।
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डॉ० प्रतिभा 'माही'
(फाउंडर/अध्यक्ष)
एम०के० साहित्य अकादमी पंचकूला
मो०8800117246
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