माटी में मिल जाएगा


बीत गया जो वक्त कभी वो , लौट वापस आएगा...!

माटी का पुतला है तू , माटी में मिल जाएगा .....!

माटी में  मिल जाएगा .....!

 

आजा मिलकर जतन करें और लोगों का उपकार करें...!

प्यार बाँट कर इस दुनिया को, प्यार भरा भंडार भरें...!

प्यार भरा भंडार भरे ...!2

जो कुछ  बाँटा इस धरती पर, जन्नत में तू पाएगा...!

माटी का पुतला है तू , माटी में  मिल जाएगा ....!

माटी में  मिल जाएगा ....!

बीत गया जो वक्त कभी वो , लौट वापस आएगा...!

 

आओ प्यारे पास हमारे , सच्ची बात बताते हैं ...!

निर्धन निर्बल भूखे प्यासे, सबको कण्ठ लगाते हैं...!

सबको कण्ठ लगाते हैं...!

हुनर सिखाते हैं जीने का, किस्सा जन-जन गाएगा ...!

माटी का पुतला है तू , माटी में  मिल जाएगा ....!

माटी में मिल जाएगा ....!

बीत गया जो वक्त कभी वो , लौट वापस आएगा...!

 

 

अपने कर्मों की खेती से, दिल मे जगह बनाले तू..!

सुन ले यारा सुन ले माही, जग में नाम कमाले तू..!

जग में नाम कमाले तू..!

फिसल गया मुट्ठी से जीव, कैसे वापस लाएगा..!

माटी का पुतला है तू , माटी में मिल जाएगा ....!

माटी में  मिल जाएगा ....!

बीत गया जो वक्त कभी वो , लौट वापस आएगा...!

 

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