मैं हूँ तेरी हीर
तरस रही मैं तो सदियों से, समझ ले मेरी पीर।
तपूँ आग में सुन ले राँझा, बन जा मेरा नीर।।
रोम-रोम मेरे इस तन का, गाता तेरा नाम।
रेगिस्तानी तपे रेत सी, मैं हूँ तेरी हीर ।
धड़कनों ने कहा, तुम वही हो वही
मेरी रूह ने तुम्हें यार अपना लिया
दिल चहकने लगा, तुम वही हो वही
तुम वही हो वही, तुम वही हो वही
तुम वही हो वही,तुम वही हो वही
मैं चली आई दौड़ी तेरे संग प्रिये
भूलकर इस जहां की ये सारी खुशी
क्या कहूँ मैं तुम्हें और क्या ना कहूँ
सर झुका, कर समर्पण, आ सजदा किया
मेरी रूह ने तुम्हें यार अपना लिया
दिल चहकने लगा, तुम वही हो वही
तुम वही हो वही, तुम वही हो वही
तुम वही हो वही,तुम वही हो वही
होश खुद का नहीं बस तुही तू दिखे
और भाये न कुछ नाम रटती रहूँ
हो गई मैं विदेह जब मैं तुमसे मिली
प्रेम उमडा़ जिया मैं तो बरसा दिया
मेरी रूह ने तुम्हें यार अपना लिया
दिल चहकने लगा, तुम वही हो वही
तुम वही हो वही, तुम वही हो वही
तुम वही हो वही,तुम वही हो वही
कितनी सदियों में हम तुम मिले हैं यहाँ
जन्म जन्मों से रास्ता में तकती रही
आज रुह को रूह से मिलाया सनम
मेरी नजरों ने नजरों से अमृत पिया
मेरी रूह ने तुम्हें यार अपना लिया
दिल महकने लगा, तुम वही हो वही
तुम वही हो वही, तुम वही हो वही
तुम वही हो वही,तुम वही हो वही
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