भगवा है पहचान हमारी (70) हिन्दुत्व राष्ट्र
हिंद राष्ट्र पर लिखती हूं, उसके ही गीत सुनाती हूं।
हिन्द है आधार जगत का, सबको यह बतलाती हूं
मैं गीत हिन्द के गाती हूं....!2
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मेरा मान तिरंगा है..
मेरी शान तिरंगा है...
भारत मां की पहचान तिरंगा है....!
तिरंगा है है है..तिरंगा है....
तिरंगा है है है.. तिरंगा है...
तिरंगा है.... तिरंगा है.... तिरंगा है.....तिरंगा है...!
केसरिया बहता रग - रग में, शक्ति बन भिड़ जाता है।
सफेद रंग है सच्चाई का, शांति पाठ पढ़ाता है।।
हरा रंग है हरियाली का, खेतों की अंगड़ाई है।
और चक्र जो चलता प्रतिफल, उसमें रहा दिखाई है।।
लहर लहर लहराए घर-घर, गीत सुहाने गाता है।
वीर शहीदों की कुर्बानी हर पल याद दिलाता है।।
वो आन तिरंगा है....
सम्मान तिरंगा है....
भारत मां की पहचान तिरंगा है....!
तिरंगा है है है..तिरंगा है....
तिरंगा है है है.. तिरंगा है...
तिरंगा है.... तिरंगा है.... तिरंगा है.....तिरंगा है
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वक्त बदलना चाहिए*
करे राज हिंदुत्व हमारा, वक्त बदलना चाहिए।
अगर लाल भारत माँ के हो, रक्त उबलना चाहिए।।
विजय विश्व की शपत उठाओ, नाज़ करे धरती माता।
चले विश्व पर सत्ता अपनी, तख्त पलटना चाहिए।।
*दीवानों की टोलियाँ*
आज़ादी को चली बचाने दीवानों की टोलियाँ
वीरों की माता ने कर दीं अपनी खाली झोलियाँ
फौलादी तन देकर जिनको तिलक लहू से कर भेजा
देखो यारो खेल रहे वो खून से बैठे होलियाँ
हम सबका प्यार सनातन है।
जग का आधार सनातन है।।
है वेदों का ज्ञान जहां ,
भागवत का होता गान जहां,
गीता रामायण का होता,
घर -घर में सम्मान जहां।
उस मातृभूमि को नमन मेरा
जहां कण - कण यार सनातन है।
हम सबका प्यार सनातन है।
जग का आधार सनातन है।।
धरती अम्बर और नदियों को,
पशु पक्षी जड़ी बूटियों को,
पूजा जाता है श्रद्धा से,
वो सूरज चाँद सनातन है
है भक्ति भावना हर मन में
पूरा संसार सनातन है।।
हम सबका प्यार सनातन है।
जग का आधार सनातन है।।
करे राज हिंदुत्व हमारा,
वक्त बदलना चाहिए..!
अगर लाल भारत माँ के हो,
रक्त उबलना चाहिए....!
विजय विश्व की शपत उठाओ,
नाज़ करे भारत भूमि...!
चले विश्व पर सत्ता अपनी,
तख्त पलटना चाहिए...!!
भगवा है पहचान हमारी
हिंदुस्तान की बेटी हैं, हिंदुत्व हमारा नारा है ।
भगवा है पहचान हमारी, हिंदुस्तान हमारा है।।
पाकी, रूसी या हो चीनी, पांव नहीं धरने देंगे।
कर ली तुमने मन की अब तक, और नहीं करने देंगे।।
चुन - चुन कर अब गद्दारों को, हम ही खुद निपटाएंगे।
देश निकाला देकर उनको, भारत स्वच्छ बनायेंगे।।
शस्त्र उठाकर खुद ही अब हम, उनको सबक सिखा देंगे।
गर ना समझे बात हमारी माटी में दफना देंगे।
हिन्दुत्व बचाने की खातिर अब, हम कट्टर बन जायेंगे।
भारत मां की सेवा में रह, सुन लो हम सब तर जायेंगे।।
आओ मिलकर कदम बढ़ाएं, हिन्दू धर्म बचाना है।
भारत की देवी के सिर पर, स्वर्णिम ताज सजाना है।।
उठो देश की वीरांगनाओं, अपना कदम बढ़ाओ तुम।
भारत की रक्षा की ख़ातिर, काली बन भिड़ जाओ तुम।।
दुश्मन के मनसूबों को तुम, अच्छा सबक सिखा आना।
कोई नाम तुम्हारा पूछे, दैवीय रूप दिखा आना आना।।
पहले जैसा स्वर्णिम भारत, फिर स्वर्णिम बन जायेगा।
राज करेगा दुनिया पर वो, नम्बर वन कहलाएगा।।
भारत के बासिंदे मिलकर, अपना फ़र्ज़ निभाएंगे।
पहन के भगवा गली गली, वो गीत हिन्द के गाएगै।।
*दीवानों की टोलियाँ*
आज़ादी को चली बचाने दीवानों की टोलियाँ
वीरों की माता ने कर दीं अपनी खाली झोलियाँ
फौलादी तन देकर जिनको तिलक लहू से कर भेजा
देखो यारो खेल रहे वो खून से बैठे होलियाँ
बंदे मातरम... बंदे मातरम...!
बंदे मातरम... बंदे मातरम...!
उठो सनातनी शपथ उठाओ,
विश्व विजय परिवर्तन की।
घर घर जाकर अलख जगाओ,
विश्व विजय परिवर्तन की।।
भारत मां की सेवा में जुट,
अपना पूर्ण समर्थन दो।
गर हिंदू हो बिगुल बजाओ,
विश्व विजय परिवर्तन की।।
© Dr Pratibha'Mahi'
Very Good
ReplyDeleteThanks
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