"MERA KYA"

मेरा क्या..!
छोड़ दिया सब तेरे हवाले मेरा क्या 
पार लगा या नाव डुबादे मेरा क्या 
धरती अंबर धन दौलत सब तेरा है 
जो तू चाहे दाव लगा ले मेरा क्या 
 डॉ. प्रतिभा "माही"

Comments

  1. बहुत सुंदर लेखन।

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

पुण्यश्लोक मातोश्रीअहिल्या बाईं होल्कर

पंचकूला की धरती से..!!!

खट्टा-मीठा इश्क़...! [ COMING SOON MY NEW BOOK ] प्यार भरी नज़्में (मुक्त छंद काव्य)