पुण्यश्लोक मातोश्रीअहिल्या बाईं होल्कर
पुण्यश्लोक मातोश्री अ हिल्या बाईं होल्कर व र्ष तीन सौ पूर्व सु न , उ तरी आ त्मा ए क। त न से तो थी साध्वी, मन से थी वो नेक ।। गीत पुण्यश्लोक अहिल्या बाईं शिव की भक्त दिवानी का। सु नो सु नाऊँ किस्सा तुमको, ऐसी इक म र्दानी का।। गाड़ दिया था झंडा जिसने, अपनी शौर्य कहा नी का। सु नो सु नाऊँ किस्सा तुमको, ऐसी इक म र्दानी का।। करने को उद्धार देश का , धरती पर प्रकटी बच्ची। झूठ कपट सब दूर थे उससे , मन से थी बिल्कुल सच्ची ।। जीव जंतु या पशु पक्षी हों, सबसे लाड़ लड़ाती थी। बहना थी दो भाई की वो, उनसे होड़ ल गाती थी।। मात पि ता की गुड़िया रानी , बकरी गाय चराती थी। खेल खेल में सखियों को वो, अपने हुनर दिखाती थी।। अपने सिर प...
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